मुंबई, 22 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने देशभर के अपने सभी संबद्ध स्कूलों को स्कूल परिसर में CCTV कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि स्कूल के हर जरूरी हिस्से जैसे कक्षा, एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स, कॉरिडोर और लैब में कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाने चाहिए। हालांकि, टॉयलेट और वॉशरूम जैसे स्थानों को निजता के कारण इससे बाहर रखा गया है। CBSE का कहना है कि यह फैसला छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है और इससे स्कूलों में होने वाली बुलिंग, दुर्व्यवहार और अनुशासनहीन घटनाओं पर भी निगरानी रखी जा सकेगी। बोर्ड के अनुसार, सभी कैमरे कार्यशील होने चाहिए और उनमें कम से कम 15 दिनों तक की रिकॉर्डिंग सेव रहनी चाहिए ताकि किसी भी शिकायत या घटना के मामले में जरूरी फुटेज समय पर उपलब्ध हो सके। इससे बच्चों को शिकायत करने के लिए एक तय समय सीमा मिलेगी और स्कूल प्रशासन भी समय रहते जांच कर सकेगा। स्कूलों को यह भी कहा गया है कि वे समय-समय पर खुद कैमरों की रिकॉर्डिंग की समीक्षा करते रहें ताकि परिसर में होने वाली किसी भी अनियमितता को समय पर पकड़ा जा सके।
CBSE के इस फैसले पर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बच्चों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता कम होगी और वे स्कूल भेजते समय अधिक निश्चिंत महसूस करेंगे। हाल के वर्षों में स्कूलों में बच्चों से संबंधित अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे माता-पिता की चिंता स्वाभाविक है। वहीं, कुछ शिक्षकों और अभिभावकों का यह भी मानना है कि इस कदम से बच्चों और शिक्षकों के व्यवहार पर निगरानी का दबाव रहेगा जिससे उनका सहज और स्वाभाविक व्यवहार प्रभावित हो सकता है। उनका कहना है कि छात्रों की हर गतिविधि पर निगाह रखना उन्हें असहज कर सकता है। CBSE का यह निर्देश देश के सभी 29 हजार संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा, जिनमें लगभग 40 लाख छात्र पढ़ते हैं। स्कूलों में हाई डेफिनिशन (HD) कैमरे लगाए जाएंगे ताकि हर गतिविधि स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड हो सके। हालांकि बोर्ड ने इस निर्देश को लागू करने के लिए किसी निश्चित समय सीमा की घोषणा अभी तक नहीं की है।