चाय के बारे में एक दिलचस्प तथ्य: जबकि हम में से अधिकांश लोग यह मानते हैं कि चाय भारत में असम से आई, असल में इसकी जड़ें हिमाचलप्रदेश के कम पहचाने गए कांगड़ा क्षेत्र में हैं। जी हां, आपने सही सुना! चाय संस्कृति सीधे चीन से असम नहीं आई थी, बल्कि पहले कांगड़ा के हरे-भरेपहाड़ियों में बसी, और फिर पूरे भारत में फैल गई। और अब इस प्राचीन चाय परंपरा को जीवित करने का काम कर रही हैं शिल्पा मित्तल, जो अब एकनिर्माता, व्यवसायी और चाय कंसीयेर बन चुकी हैं। वह कांगड़ा की बेहतरीन चाय को 1800 के दशक से सीधे आपके कप तक लाने का काम कर रहीहैं।
शिल्पा का बिजनेस, The Foothill Company, कोई साधारण चाय कंपनी नहीं है। यह उस चाय अनुभव को फिर से जीवित करने की कोशिश है,जिसे हम सबने कहीं खो दिया था। यहां बात पैकेट वाली चाय की नहीं, बल्कि हिमालय की ताजगी से भरी, हाथों से तुले और सावधानी से पैक कीगई चाय की है। हाल ही में, शिल्पा ने इंडिया गेट के पास प्रतिष्ठित बिकानेर हाउस में एक चाय चखने और बिक्री इवेंट आयोजित किया, और क्याआपको पता है? चाय का हर एक लॉट कुछ ही घंटों में बिक गया। लोग पूरे दुनिया से इस प्रामाणिक स्वाद और खुशबू का अनुभव करने के लिए आएथे। अगर यह सफलता की निशानी नहीं है, तो और क्या हो सकता है?
तो आखिर शिल्पा की चाय में खास क्या है? सबसे पहले तो यह कि यह न केवल सस्ती है, बल्कि एक कप में स्वर्ग का स्वाद देती है—सच में, एकबार इसका स्वाद लेने के बाद आप अपनी सामान्य चाय को भूल जाएंगे। हर घूंट आपको हिमालय की ताजगी में ले जाता है, जहां से ये पत्तियां हाथसे चुनी जाती हैं और विशेष तरीके से प्रोसेस की जाती हैं। शिल्पा की चाय की गुणवत्ता और प्रामाणिकता ने इसे चाय प्रेमियों के बीच एक विशेषपहचान दिलाई है, और वह साबित कर रही हैं कि प्रीमियम चाय महंगी नहीं होती।
तो अगली बार जब आप चाय के लिए कुछ खास ढूंढ रहे हों, तो शिल्पा मित्तल की कांगड़ा चाय ट्राई करें। क्योंकि जब चाय की बात हो, तो असलीस्वाद ही सबसे बेहतरीन होता है!
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