मुंबई, 25 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर शहर में अजमेर रोड और सिंधी कैंप बस स्टैंड पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, रोडवेज और जेसीटीसीएल के संयुक्त निर्णय के तहत अब एक अगस्त से अजमेर की ओर जाने वाली 500 से ज्यादा बसों का संचालन हीरापुरा बस स्टैंड से किया जाएगा। यह निर्णय ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। नए नियम के तहत अजमेर रूट की सभी रोडवेज और निजी बसें अब हीरापुरा से चलेंगी जबकि दिल्ली, सीकर, आगरा और टोंक रोड की बसें पूर्ववत सिंधी कैंप से ही संचालित होती रहेंगी। हालांकि, इस फैसले को लेकर निजी बस ऑपरेटरों और टैक्सी यूनियनों ने तीव्र विरोध जताया है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि हीरापुरा बस स्टैंड पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। न तो वहां यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था है, न पार्किंग की सुविधा, न ही सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 1 अगस्त से हीरापुरा से बसें नहीं चलाई जाएंगी और अगर जबरन बसें भेजी गईं तो हड़ताल और चक्का जाम किया जाएगा।
इस मुद्दे पर झालाना स्थित आरटीओ प्रथम कार्यालय में एक बैठक भी हुई, जिसमें रोडवेज, जेसीटीसीएल, ट्रैफिक पुलिस और निजी बस ऑपरेटरों ने भाग लिया। आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने मीटिंग में बताया कि सरकार के आदेशानुसार 1 अगस्त से अजमेर रूट की सभी बसें हीरापुरा से ही चलेंगी। वहीं, यूनियनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा और सुविधा विहीन स्टैंड पर बसें भेजना यात्रियों और ऑपरेटरों दोनों के लिए मुश्किल का कारण बनेगा। ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सिंह मेहरौली ने भी यही मांग की कि टैक्सी के लिए अलग स्टैंड अलॉट किया जाए, क्योंकि बिना जानकारी के रोजाना चालान काटे जा रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था और यात्रियों की संख्या का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में कोई भी घटना होने पर जिम्मेदारी किसकी होगी।
ऑपरेटरों ने यह भी बताया कि वे वर्षों से लंबी दूरी की यात्रा के लिए सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं और सरकार से कोई स्थायी स्टैंड नहीं मिला है। वर्तमान में बसें सिंधी कैंप, अजमेर पुलिया और पॉली विक्ट्री से बिना किसी ट्रैफिक अड़चन के चलाई जा रही हैं। ऐसे में प्रशासन को ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर समाधान निकालना चाहिए न कि बिना तैयारी शिफ्टिंग का दबाव बनाना चाहिए। हालांकि विरोध के बीच कुछ निजी बस ऑपरेटरों ने हीरापुरा से संचालन की तैयारी शुरू कर दी है और वहां टिकट काउंटर, रूट चार्ट व अन्य सुविधाएं जल्द विकसित किए जाने की योजना है। अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक चरण में करीब 500 बसों को वहां से चलाया जाएगा जिससे शहर के ट्रैफिक पर असर कम होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इससे पहले भी ऑपरेटरों से इस विषय में चर्चा की जा चुकी है और अब बस स्टैंड को शिफ्ट करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है।