इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल शरीफ चौधरी ने कहा कि जाफर एक्सप्रेस निकासी अभियान पूरा हो गया है। यह अभियान बलूचिस्तान में ट्रेन अपहरण के बाद शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि हमले स्थल पर मौजूद सभी विद्रोही, कुल 33, मारे गये। चौधरी ने बताया कि सेना, वायुसेना, फ्रंटियर कोर (एफसी) और विशेष सेवा समूह ने भाग लिया और बंधकों को मुक्त कराया।
“11 मार्च को बोलन में आतंकवादियों ने दोपहर करीब एक बजे रेल पटरी को निशाना बनाया और उसे उड़ा दिया तथा जाफर एक्सप्रेस को रोक दिया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन में 440 यात्री सवार थे।”
अधिकारी ने क्या कहा?
चौधरी ने बताया कि अंतिम निकासी अभियान में किसी यात्री को चोट नहीं आई, लेकिन उससे पहले, “आतंकवादियों की बर्बरता का शिकार होने वाले यात्रियों की संख्या 21 थी।”
“ये आतंकवादी ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट फोन के जरिए अफगानिस्तान में अपने समर्थकों और मास्टरमाइंडों के संपर्क में थे। उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा कि कल शाम करीब 100 यात्रियों को आतंकवादियों से सुरक्षित बचाया गया और आज भी बड़ी संख्या में यात्रियों को बरामद किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया रुक-रुक कर जारी रही। इससे पहले एक बयान में बलूच लिबरेशन आर्मी ने दावा किया था कि उसने जाफर एक्सप्रेस में सवार 50 अतिरिक्त बंदियों को मार डाला है।
इससे पहले पीटीवी ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा था कि आतंकवादियों द्वारा जाफर एक्सप्रेस का अपहरण करने के बाद कम से कम 190 यात्रियों को मुक्त कर दिया गया था। बंधक स्थिति मंगलवार को क्वेटा से लगभग 157 किलोमीटर दूर मश्कफ सुरंग के पास शुरू हुई, जब बीएलए विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस पर हमला किया और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों सहित 400 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया।
हताहतों की कुल संख्या की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों ने डॉन न्यूज को बताया कि सेना और मुठभेड़ में लोकोमोटिव के चालक और आठ सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई।