व्हाइट हाउस ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर कोविड-19 की उत्पत्ति से जुड़ी एक नया पेज लॉन्च किया है, जो लैब-लीक थ्योरी को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर रहा है। इस पेज पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौसी पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने कोरोना वायरस की लैब-लीक थ्योरी को दबाने की कोशिश की थी। इस पेज के लॉन्च के साथ ही एक बार फिर कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति को लेकर बहस तेज हो गई है, और यह मुद्दा राजनीतिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से चर्चा का विषय बन गया है।
लैब-लीक थ्योरी क्या है?
लैब-लीक थ्योरी का तात्पर्य है कि कोरोना वायरस गलती से या जानबूझकर चीन के वुहान स्थित एक प्रयोगशाला से लीक होकर बाहर आया। कोविड-19 के पहले मामलों का पता वुहान शहर से ही चला था, और यही वह स्थान है जहां इस थ्योरी के समर्थक मानते हैं कि वायरस का उत्पत्ति स्थान हो सकता है। इस थ्योरी के पक्षधर वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) की ओर इशारा करते हैं, जो पिछले एक दशक से चमगादड़ों में कोरोनावायरस पर शोध कर रहा था। यह संस्थान वुहान के हुआनान वेट मार्केट से महज 40 मिनट की ड्राइव की दूरी पर स्थित है, जहां सबसे पहले कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे। समर्थकों का कहना है कि वायरस इस लैब से लीक होकर वेट मार्केट में फैल गया होगा।
व्हाइट हाउस ने क्यों उठाया ये मुद्दा?
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया नया पेज कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति पर एक लंबी और जटिल बहस को फिर से सामने ला रहा है। इसमें यह दावा किया गया है कि SARS-CoV-2, जो कोविड-19 महामारी का कारण बना, एक मानव निर्मित वायरस है और इसे चीन के वुहान स्थित एक लैब से लीक किया गया। इस पेज के माध्यम से यह आरोप लगाया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और डॉ. एंथनी फौसी ने इस थ्योरी को दबाने और इसे अस्वीकार करने की कोशिश की थी।
पेज पर यह भी कहा गया है कि पूर्व प्रशासन के तहत इस सच्चाई को छुपाने का प्रयास किया गया। व्हाइट हाउस के बयान में यह कहा गया कि डेमोक्रेट्स और मीडिया ने न केवल लैब-लीक थ्योरी को बदनाम किया, बल्कि वैकल्पिक स्वास्थ्य उपचारों को भी अवैध तरीके से खारिज किया। यह पेज अब उन संसाधनों का हिस्सा बन गया है जो पहले कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए थे, लेकिन अब इसमें इस थ्योरी पर जोर दिया जा रहा है।
सीआईए और वैश्विक प्रतिक्रिया
जनवरी 2025 में सीआईए द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भी लैब-लीक थ्योरी पर चर्चा की गई थी। हालांकि, उस रिपोर्ट में इस थ्योरी के बारे में विश्वास की कमी दिखाई गई थी, और यह कहा गया कि इसके बारे में ठोस जानकारी जुटाने में कठिनाई हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इस मुद्दे पर अपनी जांच कर रहा है, और उसने कहा है कि वह सभी परिकल्पनाओं पर विचार कर रहा है, जिसमें यह थ्योरी भी शामिल है कि वायरस जानवरों से इंसानों में फैलने के बाद वुहान के बाजार से संक्रमण फैल सकता है।
राजनीतिक और वैज्ञानिक बहस
इस विवाद ने अमेरिका में और दुनिया भर में राजनीतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोणों को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है। लैब-लीक थ्योरी के समर्थन में कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस गलती से प्रयोगशाला से बाहर आ सकता है, जबकि अन्य का कहना है कि यह किसी प्रकार की प्राकृतिक घटना हो सकती है, जैसे कि जानवरों से इंसानों में संक्रमण का फैलाव।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी इस थ्योरी का समर्थन करते रहे हैं, और व्हाइट हाउस के पेज पर उनका नाम भी शामिल किया गया है। यह मुद्दा अब एक राजनीतिक उपकरण बन चुका है, जिससे अमेरिका की राजनीति में ध्रुवीकरण और बढ़ गया है।
अंतिम विचार
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर जो नया पेज लॉन्च किया गया है, वह लैब-लीक थ्योरी को लेकर नए विवाद को जन्म दे रहा है। यह पेज न केवल पूर्व प्रशासन के तहत की गई कार्रवाई को सवालों के घेरे में लाता है, बल्कि यह कोविड-19 महामारी की उत्पत्ति को लेकर एक बार फिर वैज्ञानिक और राजनीतिक बहस को भी तेज कर रहा है। चाहे इस थ्योरी का वैज्ञानिक आधार कितना भी मजबूत क्यों न हो, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हम सत्य और तथ्यों की ओर ही अग्रसर हों, न कि राजनीति या व्यक्तिगत एजेंडों की ओर।