भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच और बीजेपी के पूर्व सांसद गौतम गंभीर की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गईं जब उन्हें आतंकी संगठन 'आईएसआईएस कश्मीर' से जान से मारने की धमकी मिली। गंभीर ने इस गंभीर और चिंताजनक परिस्थिति में तुरंत दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और परिवार की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है।
FIR दर्ज कराने पहुंचे गंभीर
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम गंभीर ने इस धमकी के संबंध में औपचारिक रूप से एफआईआर दर्ज करवाई है। उन्होंने कानून व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारियों से आग्रह किया है कि उनके परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और जांच जल्द शुरू की जाए। पुलिस ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल को जांच में लगा दिया है।
दो धमकी भरे ईमेल मिले
गंभीर को धमकी भरे दो ईमेल 22 अप्रैल को प्राप्त हुए। पहला ईमेल दोपहर में और दूसरा शाम को आया। इन ईमेल में ‘I kill you’ जैसे सीधे शब्दों में धमकी दी गई। यह कोई पहला मौका नहीं है जब गंभीर को इस तरह की धमकी मिली हो। इससे पहले नवंबर 2021 में भी सांसद रहते हुए उन्हें ऐसा ही एक मेल मिला था, जिसमें उनकी जान को खतरा बताया गया था।
पहलगाम हमले पर की थी तीखी टिप्पणी
ध्यान देने वाली बात यह है कि धमकी मिलने से ठीक पहले गौतम गंभीर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खुले शब्दों में निंदा की थी। यह हमला 23 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई थी। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे भयानक आतंकवादी घटना मानी जा रही है।
गंभीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा था:
“मृतकों के परिवारों के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी। भारत स्ट्राइक करेगा।”
ऐसी स्पष्ट और कठोर प्रतिक्रिया के कुछ घंटों बाद ही उन्हें धमकी भरे मेल मिलना, पूरे मामले को और संदेहास्पद और संवेदनशील बना देता है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क
धमकी की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने ईमेल भेजने वाले IP एड्रेस की पहचान करने के लिए साइबर सेल की मदद ली है। साथ ही गंभीर और उनके परिवार की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी इस मामले में सक्रिय हो गई हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ईमेल भारत से भेजे गए या विदेश से।
पहले भी रह चुके हैं निशाने पर
गंभीर अक्सर राष्ट्रवाद, सेना के सम्मान, और आतंकवाद विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं। उनकी बेबाक राय और सोशल मीडिया पर एक्टिव उपस्थिति के चलते वह पहले भी कट्टरपंथियों के निशाने पर रह चुके हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर अब एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार से सुरक्षा की अपील
गंभीर ने सरकार से अपील की है कि उनके और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और आतंकवाद के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
निष्कर्ष
गौतम गंभीर को मिली यह धमकी एक बार फिर दिखाती है कि जो लोग आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलते हैं, उन्हें किस तरह से डराने की कोशिश की जाती है। हालांकि गंभीर ने हमेशा की तरह इस बार भी साफ कहा है कि वह किसी दबाव में नहीं आएंगे। अब देखना यह होगा कि सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती हैं और दोषियों तक पहुंच पाती हैं या नहीं।