मुंबई, 06 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के नए मसौदा नियमों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में RSS का एजेंडा चलाना चाहती है। वे एक विचार, एक इतिहास और एक भाषा थोपना चाहते हैं। राहुल ने कहा, 'RSS का मकसद देश की अलग-अलग संस्कृतियों और इतिहासों को खत्म करना है। वे संविधान पर हमला करके अपने विचार को थोपना चाहते हैं।' राहुल ने कहा कि हर राज्य की अपनी भाषा, संस्कृति और इतिहास है। इन्हीं से मिलकर भारत बना है। तमिल लोगों का अपना इतिहास और परंपरा है। ऐसे नियम लाना तमिल समेत हर राज्य का अपमान है, जहां आरएसएस अपनी हुकूमत चलाना चाहता है। कांग्रेस ने UGC के नए नियमों को तानाशाही और संविधान विरोधी बताया और इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की। दरअसल, DMK ने दिल्ली के जंतर मंतर पर UGC के नए नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसमें प्रदर्शन में राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए।
अखिलेश यादव ने कहा, RSS और भाजपा राज्य सरकारों की ताकत छीनना चाहते हैं। वे राजनेताओं को उद्योगपतियों का सेवक बनाना चाहते हैं। मैं नई शिक्षा नीति का विरोध करता हूं। साथ ही, जयराम रमेश ने कहा, संविधान का संघवाद का सिद्धांत पवित्र है और शिक्षा की क्वालिटी को बेहतर बनाना केंद्र के शिक्षा मंत्रालय का मकसद होना चाहिए, लेकिन वे अपने विचार देश में थोपना चाहते हैं। साथ ही, गैर-भाजपा सरकारों वाले राज्य UGC के नए ड्रॉफ्ट का विरोध कर रहे हैं। इनमें कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। उनका कहना है कि मसौदा नियमों को वापस लिया जाना चाहिए। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा कि यह पहली बार है कि सभी समान विचारधारा वाले राज्य, अपने हितों की रक्षा के लिए, संघवाद को बनाए रखने के लिए एकत्र हुए हैं। विधानसभा में बोलते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि यह विधानसभा मानती है कि हाल ही में यूजीसी के मसौदा नियमों को वापस लिया जाना चाहिए। ये संघवाद के विचार पर हमला है और ये तमिलनाडु की उच्च शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं।