मुंबई, 19 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात ढाई बजे 4 मंजिला बिल्डिंग ढह गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हुए। इनमें से 5 गंभीर रूप से घायलों का इलाज अब भी जारी है। 20 साल पुरानी चार मंजिला इमारत के गिरने के बाद 12 घंटे से ज्यादा समय तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। हादसे के बाद NDRF और दिल्ली पुलिस की टीमों ने घायलों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस के मुताबिक इमारत में 22 लोग थे। इनमें बिल्डिंग के मालिक तहसीन और उनके परिवार के 6 सदस्य भी मारे गए। इनमें 3 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं। वहीँ, डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया कि देर रात एक मकान ढहने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचे तो पता चला कि पूरी बिल्डिंग ढह गई है और लोग मलबे में फंसे हुए थे।
दरअसल, दिल्ली में मौसम ने अचानक करवट ली थी। तेज बारिश और आंधी-तूफान के चलते कई इलाकों में नुकसान हुआ। माना जा रहा है कि इसी वजह से मुस्तफाबाद की इमारत भी ढह गई। हादसे के वक्त पड़ोस में रहने वाले लोगों ने भी भूकंप के झटके जैसे महसूस किए और कहा कि उनके नीचे की मंजिल हिल रही थी। निवासी रयान ने बताया कि हमें लगा कि हमारे घर पर कुछ गिरा है, लेकिन जब हमने बाहर देखा तो पाया कि हमारे बगल की पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो गई है। एक अन्य निवासी सलीम अली ने बताया कि सीवर का गंदा पानी सालों से इमारतों की दीवारों में रिस रहा है और समय के साथ नमी ने इमारत को कमजोर कर दिया है, जिससे दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। इसी वजह से हादसा हुआ। चार से पांच इमारतों की कंडीशन अब भी खतरनाक है। NDRF के DIG मोहसेन शाहिदी ने कहा कि मुस्तफाबाद हादसे को हम इसे पैनकेक कोलैप्स कहते हैं। इस तरह के हादसों में बिल्डिंग के फ्लोर एक के ऊपर एक गिर जाते हैं, जहां बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है। यह भीड़भाड़ वाला इलाका है, इसलिए मलबा हटाने का काम चुनौतीपूर्ण हो गया। जगह की कमी के कारण भारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं हो सका।
दिल्ली के सीएम रेखा गुप्ता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, डिप्टी स्पीकर और मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मौके पर पहुंचकर कहा कि यह हादसा MCD की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। उन्होंने बताया कि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इस इमारत को खतरनाक बताया था और LG व MCD को आगाह भी किया था। बिष्ट ने कहा कि मुस्तफाबाद में कई अवैध और जर्जर इमारतें हैं और बिजली कंपनियां गरीबों को कनेक्शन नहीं देतीं। मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की गई है।